यूपीआई भुगतान पर आने वाले बदलाव
देशभर में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब तक पूरी तरह मुफ्त है। लेकिन हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में यूपीआई लेन-देन पर चार्ज लग सकता है।
RBI गवर्नर के बयान का क्या मतलब है?
RBI गवर्नर ने कहा कि:
- डिजिटल पेमेंट को स्थायी और सुरक्षित बनाए रखने के लिए रिवेन्यू मॉडल पर विचार जरूरी है।
- बैंकों और पेमेंट कंपनियों को भी अपनी लागत निकालने के लिए एक सिस्टम चाहिए।
- सरकार फिलहाल इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं ले रही, लेकिन संकेत साफ हैं कि भविष्य में ट्रांजैक्शन चार्ज लागू हो सकता है।
कितना हो सकता है चार्ज?
हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक दर घोषित नहीं हुई है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे ट्रांजैक्शन (₹500-₹1000 तक) पर बहुत मामूली चार्ज हो सकता है।
- बड़े लेन-देन पर प्रति ट्रांजैक्शन ₹1 से ₹2 या प्रतिशत के आधार पर शुल्क लिया जा सकता है।
यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा?
- छोटे कारोबारियों और आम लोगों की जेब पर हल्का असर।
- डिजिटल पेमेंट की तेजी पर थोड़ी ब्रेक लग सकती है।
- कैश ट्रांजैक्शन की ओर वापसी की संभावना।
सरकार का रुख क्या है?
सरकार अब तक बार-बार कहती आई है कि UPI मुफ्त रहेगा। लेकिन अगर RBI इसका अलग मॉडल लाता है तो आंशिक चार्ज संभव है।
निष्कर्ष
UPI ने भारत की डिजिटल इकॉनमी को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। अगर उस पर चार्ज लगाया जाता है तो यह बदलाव सभी के लिए बड़ा होगा। फिलहाल लोगों को आधिकारिक घोषणा का इंतजार करना चाहिए।