आज, 21जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर चल रहे आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत एक बार फिर से रद्द कर दी। दरअसल हाल ही में कोर्ट ने सीएम पर चल रहे मुक्कदमें में थोड़ी सी रिययायत बरती थी, जिसके जवाब में ईडी ने हाईकोर्ट का रुख किया।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले की कार्यवाही में ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के विरोध में ईडी ने उच्च न्यायालय की ओर रुख लेते हुए मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है। जिसपर सहमति जताते हुए हाईकोर्ट ने आदेश में बदलाव किए हैं।
मामले को आगे वढ़ाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को तब तक प्रभावी नहीं किया जाएगा जब तक वह सीएम केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली ED की याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती।
इसी दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ईडी के जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट जाने के इस कदम को “मोदी सरकार की गुंडागर्दी” बताया है साथ ही पूछा है कि जब ट्रायल कोर्ट का आदेश ही नही आया और आदेश की कॉपी ही नहीं मिली तो मोदी की ईडी हाईकोर्ट में किस आदेश को चुनौती देने पहुंच गई?
बता दें कि दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट के सीएम को जमानत दिए जाने से पहले केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी, जिसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था।
याद दिला दें कि सीएम केजरीवाल पर चल रहे मामलें में ईडी ने आरोप लगाया था कि शराब विक्रेताओं से मिले रिश्वत का इस्तेमाल आप पार्टी ने गोवा के चुनावी अभियान में किया था। जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से धन शोधन के अपराध के इस अपराध के लिए उत्तरदायी माने जा रहे हैं।
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गुरुवार की शाम को अदालत के दिए आदेश के बाद ईडी ने अनुरोध किया है कि क्या जमानत बांड पर किये जाने वाले हस्ताक्षर को 48 घंटे के लिए टाला जा सकता है, जिससे आदेश को अपीलीय अदालत के समक्ष चुनौती दी जा सके। जिसपर फ़िलहाल अदालत ने आग्रह खारिज करते हुए आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया है।