प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं। इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन) तथा प्लास्टर, पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं। नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है।
प्राचीन नालंदा के खंडहर
बता दें कि प्राचीन नालंदा के खंडहरों में मठ और शिक्षण संस्थान के पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं। इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षणिक भवन) तथा प्लास्टर, पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं। नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है।
समारोह में पीएम मोदी ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की पटना सर्किल हेड गौतमी भट्टाचार्या से विश्व धरोहर की सूची में शामिल प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष के बार में जानकारी भी हासिल की।
जयशंकर आए गया एयरपोर्ट
इसी बीच उद्घाटन के इस सत्र का हिस्सा बनने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर भी गया एयरपोर्ट आए हैं, जहां मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े के साथ जिला पदाधिकारी डॉक्टर त्याग राजन और एस एम ने उनका स्वागत-सत्कार किया। स्वागत के बाद विदेश मंत्री के साथ 16 सदस्यीय के शिष्टमंडल, सड़क मार्ग से नालंदा के लिए रवाना हुए।
पीएम ने दी सोशल मीडिया पर जानकारी
यूनिवर्सिटी पहुंचने से पूर्व पीएम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट कर संदेश दिया है, कि “यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है”। साथ ही समारोह की जानकारी सांझा करते हुए वो लिखते हैं कि “आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया जाएगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा”।