9 जून को कटरा के शिव खोरी गुफा मंदिर से हिंदू तीर्थयात्रियों को वापस लाने वाली बस हुए खौफनाक हादसे के लिए कवच – भेदी हाहतियारों का इस्तेमाल किया गया था। इस भयानक हमले में, जम्मू- कश्मीर के मंदिर से लौट रहे, नौ श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवा दी। जम्मू- कश्मीर की ये घटना मंदिर प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी के नजदीक स्थित है।
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सूचना के मुताबिक बस में सवार करीब 42 अन्य यात्री घायल हैं, जिनमें से कई आतंकी गोलियों का शिकार भी हुए हैं। मामले में रियासी के जिला मजिस्ट्रेट विशेष महाजन के अनुसार घायल लोगों में से 18 का जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है, तो वहीं 14 लोगों को कटरा के नारायण अस्पताल में और अन्य 10 को रियासी जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटना में मृतक लोगों की सूची में दो बच्चे भी शामिल हैं।
जांच को आगे बढ़ाते हुए उधमपुर रियासी रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रईस मोहम्मद भट का कहना है कि हमलावरों की तलाश के लिए सुरक्षा बल ग्यारह तलाशी टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके अनुसार, “सभी सुरक्षा बल संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं और बहुत से लोगों से पूछताछ की गई है।”
रियासी में तलाशी अभियान के दरमियान, दूसरा बड़ा हमला
11 जून को, घटनास्थल रियासी में चल रहे तलाशी अभियान के दौरान, पड़ोसी कठुआ जिले के सैदा गांव में आतंकवादियों ने लोगों पर गोलीबारी की। यह 48 घंटों में दूसरा बड़ा हमला था। हालांकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की त्वरित जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया। लेकिन मामला यहां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था।दरअसल घटना की रात ही आतंकवादियों ने डोडा के चटेरगला इलाके में 4 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के एक दल पर हमला किया जो कि बीते तीन दिनों में तीसरा हमला था। प्राप्त सूचना के अनुसार 9 जून को हुआ हमला संभवतः पहला मामला था, जब आतंकवादियों ने नागरिकों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए उच्च क्षमता वाले हथियारों का इस्तेमाल किया था।