अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया को चौंका देने वाला ऐलान किया है। ट्रंप ने कहा है कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं तो विदेशी आयात पर 200% तक का टैरिफ लगाने की तैयारी करेंगे। उनका यह बयान न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा संकेत माना जा रहा है।
अमेरिकी उद्योगों को मजबूती देने की कोशिश
ट्रंप ने हमेशा से ही “अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी” पर जोर दिया है। उनका कहना है कि चीनी सामान और अन्य देशों से आयातित उत्पाद अमेरिकी बाजार पर कब्जा कर रहे हैं। इससे अमेरिकी कंपनियां और स्थानीय उद्योग कमजोर हो रहे हैं। 200% टैरिफ लगाने से विदेशी उत्पाद महंगे हो जाएंगे और अमेरिकी लोग घरेलू सामान खरीदने को मजबूर होंगे। इससे स्थानीय उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
चीन पर खास नजर
ट्रंप का यह कदम सबसे ज्यादा चीन को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही ट्रेड वॉर चलता रहा है। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी चीनी आयात पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए थे। अब वे एक बार फिर इसी रणनीति को दोहराने का संकेत दे रहे हैं। अगर 200% टैरिफ लागू हुआ तो इलेक्ट्रॉनिक सामान, गाड़ियां, कपड़े और स्टील जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
ग्लोबल मार्केट पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की इस घोषणा से वैश्विक व्यापार में हलचल मच सकती है। कई देश अमेरिका के फैसले के खिलाफ प्रतिक्रिया दे सकते हैं और ट्रेड वॉर की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी, निवेशक सावधान हो जाएंगे और महंगाई का दबाव भी बढ़ सकता है।
अमेरिका में आम जनता पर असर
जहां यह फैसला अमेरिकी उद्योगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, वहीं आम जनता को महंगे उत्पादों का सामना करना पड़ेगा। विदेशी सामान पर भारी टैक्स लगने से उनकी कीमतें आसमान छू सकती हैं। इससे रोजमर्रा के इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और अन्य आयातित वस्तुएं आम अमेरिकियों की जेब पर भारी पड़ेंगी।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह ऐलान आगामी अमेरिकी चुनावों में उनके लिए बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। समर्थकों का मानना है कि इससे अमेरिकी उद्योग और नौकरियां सुरक्षित होंगी, जबकि विरोधियों का कहना है कि यह कदम आम जनता के लिए महंगाई और वैश्विक व्यापार में संकट लेकर आएगा। अब देखना होगा कि अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं तो उनका यह 200% टैरिफ वाला बड़ा फैसला वास्तव में लागू होता है या यह सिर्फ चुनावी रणनीति है।