लोकसभा चुनावों की गर्माहट के बाद अब एक बार फिर सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर आ टिकी हैं। देश में इस समय राज्यों में होने जा रहे उपचुनाव की हवा है। ऐसे में लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र इस समय यक़ीनन यूपी है, जहाँ लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। वर्तमान समय में प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में उत्तरप्रदेश में माहौल काफी गरम लेकिन दिलचस्प हो चूका है, क्योंकि सीएम योगी और विपक्ष से राहुल गाँधी और अखिलेश यादव की जोड़ी आमने सामने आ गई है।
2017 में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी कोई खास कमाल दिखा नहीं पाई थी,लेकिन इस बार राजनीती की हवा अलग ही दिशा में है। इस बार गैर यादव ओबीसी और दलित वोट भी सपा के पाले में है, जिसके बाद सपा का पलड़ा भरी हो गया है। बताया जा रहा है कि.कांग्रेस भी अपने कुछ उम्मीदवार इन सीटों पर उतार सकती है।
2024 चुनाव नतीजों के बाद मोदी सरकार 3.0 कामकाज में जुट गई है। उत्तरप्रदेश में मिली हार पर उठ रहे सवालों से मुख्यमंत्री योगी के शासन पर भी काफी असर हुआ है। जिसके बाद बीजेपी लगातार हार के पीछे का कारण तलाश रही है।
फ़िलहाल समाजवादी पार्टी और बीजेपी के 9 विधायक अब सांसद बन गए हैं, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा से त्यागपत्र दे दिया। इसके अलावा आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को हुई 7 साल की कैद के चलते, उनकी सिशामऊ विधानसभा सीट से सदस्यता जाना निश्चित है।
कन्नौज से सीट जीतने के बाद अखिलेश यादव ने भी करहल सीट छोड़ दी है। बता दें कि चुनाव में उनका मुकाबला बीजेपी के सुभ्रत पाठक से था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। अखिलेश के अलावा सपा के अवधेश प्रसाद और लालजी वर्मा भी सांसद बनने के बाद विधानसभा सीट छोड़ चुके हैं।
हैरानी की बात है कि केंद्र और राज्य सरकार में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद से काफी कम अच्छा रहा है। 2024 के चुनावी नतीजों के बाद जहाँ एक ओर बीजेपी की नाक का सवाल बन गया है तो वहीँ दूसरी ओर सपा-कांग्रेस के हौसले बढ़ गए हैं।
फ़िलहाल उपचुनाव में बनाये गए लक्ष्यों की सूचि में अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट भी बीजेपी के अजेडें में शामिल है। क्योंकि ये वही क्षेत्र है जहां मंदिर निर्माण और शहरी विकास के बावजूद बीजेपी को हार नसीब हुई।
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वहीँ माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपनी सीट को छोड़ने के बाद अब सपा तेज प्रताप यादव पर दाव खेल सकती है, जो कि सपा प्रमुख के भतीजे बताए जा रहे हैं।
बता दें कि करहल इस सीट पर सपा चीफ ने 2022 में बीजेपी के एसपी सिंह बघेल को मात दी की थी। लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन भी काफी बेहतर था इसलिए वह भी कुछ सीटों पर दावा आजमा सकती है।