नीट यूजी की परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि 1,563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क देने का एनटीए का फैसला अब वापस ले लिया गया है। हालाँकि नीट यूजी 2024 की परीक्षा और इसके परिणाम को जिसमें पहली बार, 67 छात्र टॉपर हैं को लेकर विवाद अब भी जारी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 13 जून को मामले में अहम टिप्पणी देते हुए कहा कि छात्रों को अब डरने की जरूरत नहीं है।
मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, ”काउंसलिंग जारी रहेगी, हम इस पर रोक नहीं लगा रहे है। परीक्षा के बाद के सभी चीजों की एक विशेष प्रक्रिया होती है, ऐसे में डरने की कोई बात नहीं है। ” कोर्ट ने अपने जवाब में कहा कि पूरी तरह से एग्जाम को रद्द कर देना भी उचित तरीका नहीं है। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय की गठित की गई चार सदस्यीय कमेटी ने 1500 से ज्यादा बच्चों का फिर से एग्जाम करवाने का सुझाव दिया है। ऐसे में यदि कुछ लोग फिर से पेपर नहीं देते हैं तो ग्रेस नंबर को हटाने के बारे में भी सोचा जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक़ जिन 1,563 छात्रों को ग्रेस नंबर दिए गए थे, उन्हें 23 जून को पुनः परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। जिसका परिणाम 30 जून को आएगा। साथ ही बताया गया है कि एमबीबीएस, बीडीएस समेत अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग छह जुलाई से शुरू होगी। इस तरह परीक्षा की नई रैंकिंग 30 जून के बाद सामने आएगी। यानी कि 1563 बच्चों के सामने अब एक ही विकल्प है – या तो पेपर दे या फिर 4 ग्रेस नंबर को छोड़कर नई रैंकिंग स्वीकार करें। सभी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में धांधली के आरोपों के मद्देनजर, इसे रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका समेत सभी अर्जियों की सुनवाई अब आठ जुलाई को की जाएगी।