लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जी 7 के 50 वे सम्मेलन में शिरक़त करेंगे। इटली की यह यात्रा प्रधानमंत्री की तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा है। सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बता दें कि जी 7 के 50 वे शिखर सम्मेलन में भारत की यह ग्यारहवीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी होगी। सम्मलेन से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी और पीएम जॉर्जिया मेलोनी की आखिरी मुलाकात दिसंबर 2023 को अबू धाबी में COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
मीटिंग में होंगे हामिल ये देश
जानकारी के मुताबिक़ जी 7 का 50 वां सत्र इटली के अपुलिया क्षेत्र में होगा। जिसमें जी7 संगठन के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन भी शामिल होंगे। जिसकी शुरुआत 14 जून से होगी।
इस बार जी 7 की अध्यक्षता इटली के हाथ में
इस वर्ष की जी 7 अध्यक्षता इटली के हाथों में है। इस बार दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी इटली कर रहा है जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है।
यूक्रेन के सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे बाइडन और जेलेंस्की
इस गुरुवार को जी 7 की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान दोनों नेता यूक्रेन के हालातों को काबू करने के लिए द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अपने इस कदम से अमेरिका, स्पष्ट करना चाहता है कि अमेरिका का यूक्रेन को दिया जाने वाला समर्थन भविष्य में भी लंबे समय तक बना रहेगा। इसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला जैसी तमाम नई महत्वपूर्ण चुनौतियों के साथ यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्ध जैसे मुद्दों के जी-7 शिखर सम्मेलन में हावी रहने की आशंका है।
इस बार जी 7 की बैठक में मुख्य रहेंगे ये मुद्दे
G7 शिखर के इस 50 वे सम्मेलन में यह भारत की ग्यारहवीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी होगी। जिसमें एआई, ऊर्जा के साथ ही अफ्रीका और भूमध्य सागर के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, बताया जा रहा है कि यह एक ब्लॉक एजेंडा आइटम रहेगा। जहाँ जी 7 और आउटरीच देश अपने विचार और दृष्टिकोण साझा करेंगे। साथ ही इटली की अध्यक्षता में होने जा रहे इस सम्मलेन में रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष और वैश्विक एजेंडे पर बात की जायेगी। साथ ही पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन के परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा।